नज़र तो अपने मनाज़िर के रम्ज़ जानती है By Sher << हमें इस्लाम उसे इतना तअल्... दो दिन भी उस सनम से न अपन... >> नज़र तो अपने मनाज़िर के रम्ज़ जानती है कि आँख कह नहीं सकती सुनी-सुनाई हुई Share on: