नक़्श-ए-कफ़-ए-पा ने गुल खिलाए By Sher << पूछो तो एक एक है तन्हा सु... ज़ालिम तू मेरी सादा-दिली ... >> नक़्श-ए-कफ़-ए-पा ने गुल खिलाए वीराँ कहाँ अब ये रास्ता है Share on: