नस्रीं में ये महक है न ये नस्तरन में है By Sher << शीशे खुले नहीं अभी साग़र ... नाले हैं न आहें हैं न रोन... >> नस्रीं में ये महक है न ये नस्तरन में है बू-ए-गुल-ए-मुराद तिरे पैरहन में है Share on: