नया बिस्मिल हूँ मैं वाक़िफ़ नहीं रस्म-ए-शहादत से By Sher << तू ने मुझ को बना दिया इंस... मैं जुदाई का मुक़र्रर सिल... >> नया बिस्मिल हूँ मैं वाक़िफ़ नहीं रस्म-ए-शहादत से बता दे तू ही ऐ ज़ालिम तड़पने की अदा क्या है Share on: