अभी कहें तो किसी को न ए'तिबार आवे By Sher << तलाश-ए-सूरत-ए-तस्कीं न कर... ग़ज़ल में जब तलक एहसास की... >> अभी कहें तो किसी को न ए'तिबार आवे कि हम को राह में इक आश्ना ने लूट लिया Share on: