निगाह बर्क़ नहीं चेहरा आफ़्ताब नहीं By Sher << मेहरबाँ हो के बुला लो मुझ... इश्क़-ए-फ़ुज़ूँ में मेरे ... >> निगाह बर्क़ नहीं चेहरा आफ़्ताब नहीं वो आदमी है मगर देखने की ताब नहीं Share on: