निगह निकली न दिल की चोर ज़ुल्फ़-ए-अम्बरीं निकली By Sher << फिर गया जब से कोई आ के हम... ना-उमीदी बढ़ गई है इस क़द... >> निगह निकली न दिल की चोर ज़ुल्फ़-ए-अम्बरीं निकली इधर ला हाथ मुट्ठी खोल ये चोरी यहीं निकली Share on: