निगाह-ए-यास मिरी काम कर गई अपना By Sher << तर्क-ए-मोहब्बत करने वालो ... कहो तो किस तरह आवे वहाँ न... >> निगाह-ए-यास मिरी काम कर गई अपना रुला के उट्ठे थे वो मुस्कुरा के बैठ गए Share on: