निकल आए जो हम घर से तो सौ रस्ते निकल आए By Sher << कोई स्कूल की घंटी बजा दे कितने पुर-हौल अँधेरों से ... >> निकल आए जो हम घर से तो सौ रस्ते निकल आए अबस था सोचना घर में कोई ग़ैबी इशारा हो Share on: