निकहत-ए-साग़र-ए-गुल बन के उड़ा जाता हूँ By Sher << ये रोग लगा है अजब हमें जो... इक बरस हो गया उसे देखे >> निकहत-ए-साग़र-ए-गुल बन के उड़ा जाता हूँ लिए जाता है कहाँ बादा-ए-सर-जोश मुझे Share on: