नींद उस की है दिमाग़ उस का है रातें उस की हैं By Sher << ज़ाहिदो उठ जाओ मज्लिस से ... रवाँ है उम्र और इंसान ग़ा... >> नींद उस की है दिमाग़ उस का है रातें उस की हैं तेरी ज़ुल्फ़ें जिस के बाज़ू पर परेशाँ हो गईं Share on: