वा'दे और ए'तिबार में है रब्त-ए-बाहमी By Sher << यही काँटे तो कुछ ख़ुद्दार... उसी को ज़िंदगी का साज़ दे... >> वा'दे और ए'तिबार में है रब्त-ए-बाहमी इस रब्त-ए-बाहमी का मगर ए'तिबार किया Share on: