शोख़ी किसी में है न शरारत है अब 'उबैद' By Sher << सोहबत में जाहिलों की गुज़... नज़र में दूर तलक रहगुज़र ... >> शोख़ी किसी में है न शरारत है अब 'उबैद' बच्चे हमारे दौर के संजीदा हो गए Share on: