पाबंदी-ए-अहकाम-ए-शरीअत है वहाँ फ़र्ज़ By Sher << तुझ को देखा तिरे वादे देख... सोने वालों को क्या ख़बर ऐ... >> पाबंदी-ए-अहकाम-ए-शरीअत है वहाँ फ़र्ज़ रिंदों को रुख़-ए-साक़ी-ओ-साग़र हुए मख़्सूस Share on: