पा-ब-गिल सब हैं रिहाई की करे तदबीर कौन By Sher << सब लोग अपने अपने क़बीलों ... न क्यूँ कि अश्क-ए-मुसलसल ... >> पा-ब-गिल सब हैं रिहाई की करे तदबीर कौन दस्त-बस्ता शहर में खोले मिरी ज़ंजीर कौन Share on: