पहचान जिन से थी वो हवाले मिटा दिए By Sher << ये वाक़िआ' मिरी आँखों... तुम्हारी बज़्म से निकले त... >> पहचान जिन से थी वो हवाले मिटा दिए उस ने किताब-ए-ज़ात का सफ़्हा बदल दिया Share on: