पहले तराशा काँच से उस ने मिरा वजूद By Sher << मुझे ख़ुद अपनी नहीं उस की... थे उस के हाथ लहू में हमार... >> पहले तराशा काँच से उस ने मिरा वजूद फिर शहर भर के हाथ में पत्थर थमा दिए Share on: