पैरहन लूटे मज़े तेरी हम-आग़ोशी के By Sher << पैवस्ता गर्द-ए-दश्त रही ग... पहना जो मैं ने जामा-ए-दीव... >> पैरहन लूटे मज़े तेरी हम-आग़ोशी के हम करें चाक गिरेबान ख़ुदा की क़ुदरत Share on: