पैक-ए-ख़याल भी है अजब क्या जहाँ-नुमा By Sher << ग़ैर से किया गिला करे कोई काबा ओ बुत-ख़ाना आरिफ़ की... >> पैक-ए-ख़याल भी है अजब क्या जहाँ-नुमा आया नज़र वो पास जो अपने से दूर था Share on: