पलकों पे जुगनुओं का बसेरा है वक़्त-ए-शाम By Sher << सफ़र में हर क़दम रह रह के... मुट्ठी से फिसले ही जाते ह... >> पलकों पे जुगनुओं का बसेरा है वक़्त-ए-शाम 'अंजुम' मैं पानियों में चमक छोड़ कर गया Share on: