परिंद ऊँची उड़ानों की धुन में रहता है By Sher << बुज़-दिली होगी चराग़ों को... घर में बेचैनी हो तो अगले ... >> परिंद ऊँची उड़ानों की धुन में रहता है मगर ज़मीं की हदों में बसर भी करता है Share on: