परतव से जिस के आलम-ए-इम्काँ बहार है By Sher << 'अनीस' आसाँ नहीं ... हद से गुज़रा जब इंतिज़ार ... >> परतव से जिस के आलम-ए-इम्काँ बहार है वो नौ-बहार-ए-नाज़ अभी रहगुज़र में है Share on: