पता मिलता नहीं उस बे-निशाँ का By Sher << गुबार-ए-ज़िंदगी में लैला-... तमाम उम्र की दीवानगी के ब... >> पता मिलता नहीं उस बे-निशाँ का लिए फिरता है क़ासिद जा-ब-जा ख़त Share on: