पत्ता पत्ता शाख़ से टूटे दरवाज़ों पे वहशत सी By Sher << दुनिया-भर में जितने मंज़र... मसअला ये भी तो है इस अहद ... >> पत्ता पत्ता शाख़ से टूटे दरवाज़ों पे वहशत सी यारो प्रेम कथा में किस ने दर्द की तान मिलाई है Share on: