पत्थर ने पुकारा था मैं आवाज़ की धुन में By Sher << छोड़ इस बात को ऐ दोस्त कि... कान मानूस होते जाएँगे >> पत्थर ने पुकारा था मैं आवाज़ की धुन में मौजों की तरह चारों तरफ़ फैल गया हूँ Share on: