पयाम अब वो नहीं भेजता ज़बानी भी By Sher << नई फ़ज़ा के परिंदे हैं कि... नया साल दीवार पर टाँग दे >> पयाम अब वो नहीं भेजता ज़बानी भी कि जिस की होंटों में लेते थे हम ज़बाँ हर रोज़ Share on: