पी जिस क़दर मिले शब-ए-महताब में शराब By Sher << जिस को कहते हैं अरसा-ए-हस... सब्र आ जाए इस की क्या उम्... >> पी जिस क़दर मिले शब-ए-महताब में शराब इस बलग़मी-मिज़ाज को गर्मी ही रास है Share on: