पी लोगे तो ऐ शैख़ ज़रा गर्म रहोगे By Sher << सोज़-ए-ग़म ही से मिरी आँख... नक़्श-ए-उल्फ़त मिट गया तो... >> पी लोगे तो ऐ शैख़ ज़रा गर्म रहोगे ठंडा ही न कर दें कहीं जन्नत की हवाएँ Share on: