पी शौक़ से वाइज़ अरे क्या बात है डर की By Sher << ज़िंदगी तक मिरी हँस लीजिए... करते हैं मस्जिदों में शिक... >> पी शौक़ से वाइज़ अरे क्या बात है डर की दोज़ख़ तिरे क़ब्ज़े में है जन्नत तिरे घर की Share on: