पिला साक़िया मय-ए-जाँ पिला कि मैं लाऊँ फिर ख़बर-ए-जुनूँ By Sher << उस के ब'अद तो जो करना... गर्दिश-ए-माह-ओ-साल से आगे... >> पिला साक़िया मय-ए-जाँ पिला कि मैं लाऊँ फिर ख़बर-ए-जुनूँ ये ख़िरद की रात छटे कहीं नज़र आए फिर सहर-ए-जुनूँ Share on: