फूलों में ग़ज़ल रखना ये रात की रानी है By Sher << तारीफ़ रोज़ लेते हो अपने ... उस हुस्न का शेवा है जब इश... >> फूलों में ग़ज़ल रखना ये रात की रानी है इस में तिरी ज़ुल्फ़ों की बे-रब्त कहानी है Share on: