पुराने पत्तों को झाड़ देना नए-नवीलों को राह देना By Sher << होती न हम को साया-ए-दीवार... इक नदी में सैकड़ों दरिया ... >> पुराने पत्तों को झाड़ देना नए-नवीलों को राह देना ख़ुदा के बंदे अगर ये कार-ए-ख़ुदा नहीं है तो और क्या है Share on: