प्यार की आँख से दुश्मन को भी जो देखते हैं By Sher << दैर नहीं हरम नहीं दर नहीं... मिलो मिलो न मिलो इख़्तिया... >> प्यार की आँख से दुश्मन को भी जो देखते हैं हम ने ऐसे भी हैं अल्लाह के प्यारे देखे Share on: