प्यासी बहुत थीं हसरतें लो आज मर गईं By Sher << चाँद-चेहरे मुझे अच्छे तो ... सफ़ाई देर में क़ातिल से ह... >> प्यासी बहुत थीं हसरतें लो आज मर गईं बारिश का इंतिज़ार था वो भी नहीं रहा Share on: