क्या मस्लहत-शनास था वो आदमी 'क़तील' By Sher << ख़ुदा करे सफ़-ए-सरदादगाँ ... छल-बल उस की निगाह का मत प... >> क्या मस्लहत-शनास था वो आदमी 'क़तील' मजबूरियों का जिस ने वफ़ा नाम रख दिया Share on: