'क़ाएम' हयात-ओ-मर्ग-ए-बुज़-ओ-गाव में हैं नफ़अ By Sher << 'क़ाएम' जो कहें ह... पूछो हो मुझ से तुम कि पिए... >> 'क़ाएम' हयात-ओ-मर्ग-ए-बुज़-ओ-गाव में हैं नफ़अ इस मर्दुमी के शोर पे किस काम का हूँ मैं Share on: