रास्ते हैं खुले हुए सारे By Sher << 'यास' इस चर्ख़-ए-... देख ज़िंदाँ से परे रंग-ए-... >> रास्ते हैं खुले हुए सारे फिर भी ये ज़िंदगी रुकी हुई है Share on: