रात भर हँसते हुए तारों ने By Sher << हद चाहिए सज़ा में उक़ूबत ... कूचा-ए-यार से यारब न उठान... >> रात भर हँसते हुए तारों ने उन के आरिज़ भी भिगोए होंगे Share on: