रात उस की महफ़िल में सर से जल के पाँव तक By Sher << होता है मुसाफ़िर को दो-रा... वो मुझे प्यार से देखे भी ... >> रात उस की महफ़िल में सर से जल के पाँव तक शम्अ की पिघल चर्बी उस्तुखाँ निकल आई Share on: