राहत की जुस्तुजू में ख़ुशी की तलाश में By Sher << यही महर ओ माह ओ अंजुम को ... मंज़िलें न भूलेंगे राह-रौ... >> राहत की जुस्तुजू में ख़ुशी की तलाश में ग़म पालती है उम्र-ए-गुरेज़ाँ नए नए Share on: