रहते थे कभी जिन के दिल में हम जान से भी प्यारों की तरह By Sher << मुसाफ़िरान-ए-रह-ए-शौक़ सु... तुफ़ैल-ए-रूह मिरा जिस्म-ए... >> रहते थे कभी जिन के दिल में हम जान से भी प्यारों की तरह बैठे हैं उन्हीं के कूचे में हम आज गुनहगारों की तरह Share on: