मैं ने तो ब'अद में तोड़ा था इसे By Sher << ज़ोफ़ से रहता है अब पाँव ... ज़ुल्फ़ें इधर खुलीं अधर आ... >> मैं ने तो ब'अद में तोड़ा था इसे आईना मुझ पे हँसा था पहले Share on: