रखे है शीशा मिरा संग साथ रब्त-ए-क़दीम By Sher << होवेगी सुब्ह रौशन इक दम म... ये और बात इसे ज़िंदगी न क... >> रखे है शीशा मिरा संग साथ रब्त-ए-क़दीम कि आठ पहर मिरे दिल को है शिकस्त से काम Share on: