रंग लाएगी हमारी तंग-दस्ती एक दिन By Sher << 'शाद' ग़ैर-मुमकिन... रफ़्ता रफ़्ता मेरी अल-ग़र... >> रंग लाएगी हमारी तंग-दस्ती एक दिन मिस्ल-ए-ग़ालिब 'शाद' गर सब कुछ उधार आता गया Share on: