रास्ता सोचते रहने से किधर बनता है By Sher << कोई दिल-लगी दिल लगाना नही... शायद किसी की याद का मौसम ... >> रास्ता सोचते रहने से किधर बनता है सर में सौदा हो तो दीवार में दर बनता है Share on: