रस्ते की अंजान ख़ुशी है By Sher << बिछड़ के तुझ से तिरी याद ... जाएँगे एक रोज़ समुंदर की ... >> रस्ते की अंजान ख़ुशी है मंज़िल का अन-जाना डर है Share on: