ख़ून-ए-दिल सर्फ़ कर रहा हूँ 'रविश' By Sher << मुसलसल सोचते रहते हैं तुम... जब तुझ को तमन्ना मेरी थी ... >> ख़ून-ए-दिल सर्फ़ कर रहा हूँ 'रविश' ख़ूब से नक़्श-ए-ख़ूब-तर के लिए Share on: