रेग-ए-दिल में कई नादीदा परिंदे भी हैं दफ़्न By परिंदा, Sher << वो जिन को मयस्सर थी हर इक... पचास मील है ख़ुश्की से बह... >> रेग-ए-दिल में कई नादीदा परिंदे भी हैं दफ़्न सोचते होंगे कि दरिया की ज़ियारत कर जाएँ Share on: