रेज़ा रेज़ा रात भर जो ख़ौफ़ से होता रहा By Sher << शहर के आईन में ये मद भी ल... न जाने किस लिए रोता हूँ ह... >> रेज़ा रेज़ा रात भर जो ख़ौफ़ से होता रहा दिन को साँसों पर अभी तक बोझ उस पत्थर का है Share on: