रिंद जन्नत में जा भी चुके By Sher << मुझ को ये आरज़ू वो उठाएँ ... और तो क्या था बेचने के लि... >> रिंद जन्नत में जा भी चुके वाइज़-ए-मोहतरम रह गए Share on: